"वह दूरी , जो कभी था या कभी न था
वह प्यार जो कभी था , अभी न था
कारन उसका क्या मुझे पता भी न था
हा जो था सो तो था पर वह , वह न था
जिस चाहत पर Hum आह भरते थे
उस चाहत का उसके चेहरे पर अत पता भी न था
कम्भख्त ये दूरी भी खुछ दूर दूर से दिखा
यह मुझे मालूम था की नजदीकी का अता पता भी न था ,
हा यह Baat जीने के लिए खाफी थी
की वह मुझे प्यार न करती तो क्या हुआ
वह मुझसे यारा खफा भी न था "
तरुण Pen It Down
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